क्या आपको पता है की भारत के पास 2000 की करंसी से भी ज्यादा मूल्य की नोट थी?

भारत के पास ज्यादा से ज्यादा कितने मूल्य की Currency थी?

आज भारत देश के पास 10 रुपए से लेकर 2000 तक की currency नोट है. लेकिन क्या आपको पता है एक समय था जब भारत के पास इससे भी अधिक मूल्य की नोट हुआ करती थी. आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में बताने वाले है की भारत के पास ज्यादा से ज्यादा कितने मूल्य की Currency थी?.

पहेले जानते है की Currency नोट छापने का अधिकार किसके पास है?
पेपर करंसी छापने की शुरुआत 18 वि सदी में हुई थी. उस दौरान सबसे पहेले बैंक ऑफ़ बंगाल, बैंक ऑफ़ बोम्बे और बैंक और मद्रास जैसे बैंक पेपर currency छापने का काम करते थे. लेकिन बाद में पेपर करंसी एक्ट 1861 के तहत करंसी छापने का पूरा अधिकार भारतीय सरकार को दे दिया गया.

सन 1935 में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की स्थापना तक भारतीय सरकार Currency नोट छापती रही लेकिन बाद में यह जिम्मेदारी RBI ने अपने हाथो में ले ली.

क्या आपको पता है की भारत के पास 2000 की करंसी से भी ज्यादा मूल्य की नोट थी?,भारत के पास ज्यादा से ज्यादा कितने मूल्य की Currency थी?
भारत के पास ज्यादा से ज्यादा कितने मूल्य की Currency थी?
अब नोट छापने का पूरा जिम्मा Reserve Bank OF India के हाथो में था और उन्होंने पहेली बार सन 1938 में Rs. 10,000 की नोट छापी. RBI ने 1 जनवरी 1938 के दिन पहेली currency छापी जो 5 रुपए की थी. इसके बाद इसी साल 10 रुपए, 100 रुपए, 1000 रुपए और 10,000 रुपए की नोट छापी गई. लेकिन सन 1946 में 1000 रुपए और 10000 रुपए की नोट को बंध कर दिया गया.
लेकिन बाद में 1 अप्रेल 1954 को भारतीय Reserve Bank OF India के तत्कालनी गवर्नर बी. रामा राव के अंतर्गत एक बार फिर से 1000 रुपए और 10000 रुपए की नोट की शुरुआत हुई लेकिन इस बार इन दोनों के बिच वाली एक नई नोट भी छापी जिसका मूल्य था 5000 रुपए.

 दुनिया के ‘ अजीबो-गरीब ’ कानून जिसे जानकर आपका शिर चकरा जायेगा

ये तीनो नोटों को छापने के पीछे कारन यही था की आसानी से बड़े amount की गिनती की जा सके. लेकिन कुछ सालो बाद सरकार को लगा इतने बड़े मूल्यों की नोटों के कारन काला धन अधिक बढ़ रहा है. जिसके चलते सरकारं ने 16 जनवरी 1978 को इन तीनो Currency को बंध कर दिया.
उस दौरान अधिकतम मूल्यों की नोटों की कीमत बहोत ज्यादा नहीं थी. 1000 रुपए की नोटो की currency करीब 125 करोड़ की थी वही 5000 रुपए की नोट करीब 13.6 करोड़ की थी और 10000 रुपए की नोट 82 लाख रुपए की थी. 
इसके बाद आजतक इस तरह की बड़ी नोट अमल में नहीं आई है. कुछ लोगो ने 5000 रुपए की कीमत की नोट अपने पास रखली थी क्यूंकि यह एक दुर्लभ नोट थी जो फिर से कभी भी वापिस नहीं आने वाली थी. 12 अप्रेल 2008 को 5000 रुपए की नोट के लिए  नीलामी लगाई गई और 5000 रुपए की एक नोट 6,60,000 रुपए में नीलाम हुई. इस तरह इसको भारत की सबसे ज्यादा मूल्य की Currency कहा जा सकता है.

दोस्तों, उम्मीद है आपको भारत के पास ज्यादा से ज्यादा कितने मूल्य की Currency थी? आर्टिकल जरुर पसंद आया होगा. एसे ही और आर्टिकल को पढने के लिए हमारे इस ब्लॉग को आज ही सब्सक्राइब करे.
यह भी पढ़े:-

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *