Facts about Ladakh in Hindi | जानिए देश के नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बारे में

लद्दाख(Ladakh) के बारे में रोचक तथ्य एवं जानकारी | Amazing and Interesting Facts about Ladakh in Hindi

Amazing and Interesting Facts about Ladakh in Hindi
Ladakh in Hindi

दोस्तों, आज पुरे देश के लिए गर्व की बात है. 5 August 2019 का दिन इतिहास में याद किया जाएगा क्यूंकि कई सालो से चल रहे जम्मू-कश्मीर मुद्दे का आज कोई Solution निकला है, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 रद हो गई है और साथ ही जम्मू कश्मीर से लद्दाख को भी अलग करने का फैसला ले लिया गया हो और आज से लदाख(Ladakh) की गिनती भी केंद्र शासित प्रदेश में की जाएगी.

लद्दाख को केंद्र-शासित प्रदेश घोषित करते समय और article 370 को हटाने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की काफी समय से वहा के लोगो की Demand थी की लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश की मान्यता दी जाए ताकि यहाँ के लोग भी अपने लक्ष्य को हांसिल कर सके.

आज के इस आर्टिकल में में आपको Amazing Facts about Ladakh in Hindi, Interesting Facts about Ladakh in Hindi, History of Ladakh, लद्दाख के बारे में पूरी जानकारी बताने वाला हु, उम्मीद है आपको यह जानकारी जरुर पसंद आएगी.

लद्दाख का इतिहास और जानकारी | History of Ladakh in Hindi

भारत एक एसा अदभुत देश है जहा के हर एक राज्य में कुच न कुछ सोंदर्य और अदभुत नज़ारे मोजूद है.गुजरात का कच्छ और राजस्थान दोनों अपनी रेतो से धरती पर लम्बी चादर ढंके हुए है तो केरल हरियाली और झरने के साथ, सिक्किम और उत्तराखंड बर्फ के साथ खुबसूरत फुलो से आपको स्वागत करता है तो गोवा समुद्र की लहेरो से आपका मन मोह लेता है.

कोई क्षेत्र भारतमाता को बर्फ का ताज पहेनाता है तो कोई रेत की चादर ढंकता है तो कोई समुद्र की लहेर से उनके चरण को धोता है वही कई जगह हरियाली से धरतीमा के आँचल को छाव दे रहा है. एसे विविध राज्य हमारे देश में मोजूद है लेकिन ऐसे ही भारत देश के एक अनोखे राज्य में बर्फीली घाटियों से ढंके विशाल पहाड़, चारो तरफ हरियाली, भूरे रंग से बर्फ से ढंकी धरती, हजारो फीट की ऊंचाई वाले पर्वत और दोनों तरफ से बहेते खूब सूरत झरने और कुदरत की खुबसूरत कारीगरी का नमूना मोजूद है जिसका नाम है “लेह” जो लद्दाख की राजधानी है.

Ladakh in Hindi एक केंद्र शासित प्रदेश है जो भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित है. लद्दाख के उत्तर में कराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत स्थित है और दोनों के बिच में बसा है बहोत ही खूब सूरत प्रदेश लद्दाख. यह नेपाल के सबसे वायरल संख्या वाले भागो में से एक है.

लद्दाख समुद्र की सतह से करीब 9800 फिट की ऊंचाई पर स्थित है. इसकी राजधानी और प्रमुख नगर का नाम “लेह” है.  इसके उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सीमाए आती है. यहाँ पर बहोत ही ज्यदा मात्रा में बर्फ गिरी रहेती है इसी वजह से बहोत ही कम समय के लिए यहाँ से नदिया बहती है.

यहाँ की ज्यादातर जनसँख्या तिब्बत और नेपाल से प्रभावित है यानि की उन लोगो की संस्कृति और विचार से प्रभावित है. इसके पूर्व भाग में ज्यादातर लोग बौध धर्म का पालन करते है वही पश्चिम भाग में ज्यादातर लोग मुस्लिम है इस लिए मुस्लिम धर्म का पालन करते है. यहाँ का तापमान करीब 5 डिग्री के आसपास ही रहेता है.

Ladakh in Hindi का इतिहास बहोत ही पुराना है. लद्दाख के प्राचीन निवासी मोन और दार्द लोग थे. पहेली सताब्दी के आसपास लद्दाख कृषाण राज्य का हिस्सा था और दूसरी सताब्दी के दौरान बौध धर्म लद्दाख में पूरी तरह से फ़ैल चूका था जो सातवी सताब्दी तक अपने पैर जमाए रखे हुए था. इसके बाद 8 वि सताब्दी में लद्दाख पूर्व में तिब्बत के और मध्य एसिया से चीन के प्रभाव में आ गया इस तरह से इसका सानिध्य बारी-बारी चीन और तिब्बत के हाथो में आता रहा है.

सन 842 से लद्दाख पर तिब्बत ने अपना कब्ज़ा कर लिया था और पृथक लद्दाखी राजवंस की स्थापना की. और वहा के राजवंश ने लद्दाख के साथ साथ उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक बौध धर्म का खूब प्रचार किया और भारत में ज्यादातर इलाको में बौध धर्म फैला दिया था.

फिर 14वि सताब्दी तक यहाँ पर ज्यादतर जनसंख्या हिन्दू ही थी और ज्यादतर लोग ब्राह्मण ही थे पर 14वि सताब्दी के बाद तुर्किस्तान से आए क्रूर मंगोल मुस्लिम आतंकी दुलचा ने करीब 60 हजार मुस्लिम सेना के साथ कश्मीर पर आक्रमण कर लिया और वहा के ज्यादातर कश्मीरी पंडित जो हिन्दू थे उनको मारकर भगा दिया और ज्यादातर लोगो के साथ जबरदस्ती करके उनका धर्म परिवतर्न कर लिया और मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की. दुलचा ने तत्कालीन हिंदुओ महिला और जबरदस्ती भी की थी जिसकी वजह से बहोत सारी महिलाओ ने अपने सतीत्व की रक्षा के लिए आत्महत्या भी कर ली थी.

इस तरह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य पहेले हिन्दूओ के हाथ में था इसके बाद मुस्लिम शासक के हाथ में चला गया और बाद में अकबर के शासन के दौरान मोगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया. फिर सन 1756 से यहाँ पर अफ़ग़ानि मुस्लिमो का शासन रहा. 67 साल के अपने शासन के दौरान इन मुस्लिम राजाओ ने सभी हिंदू की ओरत को और धन को दोनों हाथो से लूंट लिया था. कोई भी हिन्दू ओरतो को इन जानवरों ने नहीं बक्शा था, इस वक्ता भारी मात्रा में हिंदुओ को जबरदस्ती मुसलमान बनाया गया था.

इस सभी अत्याचारों से तंग आकार एक कश्मीरी पंडित महाराजा रणजीत सिंह के पास गया और मदद मागी इस वक्त महाराजा रणजीत सिंह ने अपने उत्तराधिकारी खडक सिंह के नेतृत्व में हरी सिंह नलवा सहित 30 हजार सैनिको की फोज को रवाना की जिसके कारन कायर और डरपोक आजिम खान कश्मीर को अपने भाई जब्बार खान के हवाले  कर के वहा से भाग गया और इस तरह से सन 1819 में यह राज्य पंजाब के सिख समुदाय के अधीन में आ गया था.

सन 1839 तक यह राज्य महाराजा रणजीत सिंह के अधीन रहा लेकिन सन 1839 में महाराजा रणजीत सिंह की मृत्यु हो गई और पूरा लाहोर बिखरने लगा और अंग्रेजो ने गुलाम सिंह को केद कर लिया गया लेकिन अपने हिस्से का लाहोर (जो महाराजा रणजीत सिंह ने गुलाम सिंह को दिया था) ब्रिटिशो के हवाले करने का समजोता करके अपनी स्वतंत्रा हांसिल कर ली. इस तरह से जम्मू ब्रिटिश के अधीन चला गया.

सन 1850 के बाद लद्दाख में यूरोप का प्रभाव बढ़ने लगा और बढ़ता ही गया. इसके कारन लद्दाख में खोजकर्ता , पर्यटक और भूगोलवेता जैसे लोग आने लगे. कई सालो तक एसा चलता रहा फिर सन 1947 के बाद अंग्रेज शासन का अंत हुआ और भारत को आजादी मिल गई लेकिन सन 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बटवारे के वक्त तत्कालीन डोगरा के राजा हरिसिंह ने जम्मू-कश्मीर को भारत में विलय की मजूरी दे दी. लेकिन बाद में पाकिस्तान ने कश्मीर को अपना हिस्सा बताते हुए युद्ध की शुरुआत कर दी और कारगिल पर हमला शुरू कर दिया.

पाकिस्तान ने कारगिल हमला करके जम्मू के कुल क्षेत्रफल 36,315 वर्ग किलोमीटर में से लगभग 13,297 वर्ग किलोमीटर पर अपना कब्ज़ा कर लिया था जो आज भी पाकिस्तान का हिस्सा है. 1947-48 के युद्ध के दौरान जम्मू के पास 10 जिल्ले मोजूद थे जो सारे भारत का ही हिस्सा था लेकिन इस युद्ध में पाकिस्तान ने जम्मू के भिम्बर, कोटली, मीरपुर, पूंछ हवेली, बाग, सुधान्ति, मुजफ्फराबाद, हट्टीयां और हवेली जिल्ले पर अपना कब्ज़ा कर लिया था. और इस कब्ज़ा कर लिए गए हिस्से को पाकिस्तान “आजाद कश्मीर” कहेता है. वही दूसरी तरफ चीन भी लद्दाख को तिब्बत का हिस्सा मानता है.

आज भी पूरा जम्मू-कश्मीर भारत, पाकिस्तान और चीन के बिच में युद्ध का कारन बना हुआ है. पाकिस्तान और चीन दोनों देश कश्मीर को अपना हिस्सा मानते है. इसी वजह से भारत-पाकिस्तान के बिच 1947, 1965 और 1971 में युद्ध छेड़ा गया था और 1999 में तो हालत बेहद ख़राब हो गए थे की उस वक्त परमाणु हमले की संभावनाए बढ़ गई थी.

लद्दाख पूर्व में मध्य एशिया का कारोबार के एक बहोत ही बड़ा गढ़ था. लद्दाख में उस वक्त दुसरे मुल्को के के कारवो के साथ सैंकड़ो ऊंट, घोड़े, खच्चर , रेशम, कालीन लाए जाते थे जबकि मसाले आदि का निकास किया जाता था. लद्दाख में 5000 मीटर से लेकर 7000 मीटर की ऊंचाई वाले कई सारे पर्वत मोजूद है.

सिन्धु नदी लद्दाख की जीवनरेखा है. लद्दाख का मुख्य शहर और राजधानी लोह सिन्धी नदी के किनारे पर ही बसा है. सिन्धु नदी हिंदू धर्म में एक पूजनीय नदी है जो सिर्फ लद्दाख में ही बहेती है. यहाँ पर मोजूद काराकोरम में 70 किलोमीटर लम्बा ग्लेशियर मोजूद है और कई सारे बर्फीले पर्वत मोजूद है जो भारत और चीन के बिच में पहेरेदार की तरह खड़ा है जिसकी ऊंचाई करीब 3620 मीटर है वही चीन की सीमा में मोजूद इसके केंद्र की ऊंचाई 5753 मीटर के आसपास है वही भारत में कराकोरम रेंज की पूर्व में स्थित ससार कांगड़ी सबसे ऊँची चोटी है जिसकी ऊंचाई करीब 7672 मीटर है.

Facts about Ladakh in Hindi | लद्दाख के बारे में के कुछ रोचक तथ्य के बारे में

Amazing and Interesting Facts about Ladakh in Hindi, History of ladakh
Ladakh in Hindi

1. लद्दाख का कुल क्षेत्रफल 97,776 वर्ग किलोमीटर है.

2. लद्दाख में शिया मुस्लिम, बौद्ध और हिन्दू धर्म के लोगो की जनसँख्या ज्यादा पाई जाती है.

3. लद्दाख भारत का सबसे ऊंचाई पर बसा एक केंद्र शासित प्रदेश है जो सुरु और जन्स्कार घाटी से मिलकर बना है.

4. Ladakh in Hindi में मोजूद बैली ब्रिज विश्व का सबसे ऊँचा ब्रिज है जीसकी ऊंचाई समुद्र तट से 5602 मीटर है. इस पुल को सन 1982 में भारतीय सैनिको ने पाकिस्तान के युद्ध के वक्त बनाया था.

5. लद्दाख की राजधानी लेह से 30 किलोमीटर की दुरी पर मैग्नेटिक हिल है जिसको चुम्बकीय पहाड़ी भी कहा जाता है. इस क्षेत्र को रहस्यमई जगह में गिना जाता है क्यूंकि यहाँ पर अगर को भी अपनी कार को पार्क करता है तो गाड़ीया ढलान वाली जगह से विपरीत दिशा में अपने आप चली जाती है.

6. लद्दाख की मुख्य नदी में जन्स्कार नदी सामिल है जो बर्फ की शर्दी के मोसम में पूरी तरह से जैम जाती है और इस वक्त लोग इस नदी के ऊपर से गुजरते है. इसी वजह से इस नदी को चादर ट्रेक भी कहा जाता है.

Amazing and Interesting Facts about Ladakh in Hindi, History of ladakh
Ladakh in Hindi

7. पुरी दुनिया में सिर्फ दो ही जगह दो कूबड़ वाले ऊंट दिखाई देते है एक ऑस्ट्रलिया और दूसरा लद्दाख. यह ऊंट पुरे भारत में सिर्फ लद्दाख में ही पाए जाते है जो नुरबा घाटी का मुख्य आकर्षण है.

8. लद्दाख पुरे जम्मू-कश्मीर का सबसे ऊँचा इलाका है जो 3500 मीटर की ऊंचाई पर फैला हुआ है.

9. लद्दाख की पंगोल झील पूरी दुनिया की सबसे ऊँची खारे पानी की झील है जो खरा पानी होने के बावजूद भी जम जाती है. यह झील 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह झील का एक द्र्स्य आमिर खान की मसहुर फिल 3 idiots के अंत में दिखाया गया था.

10. लद्दाख में गर्मियो के मौसम में तापमान 3 से लेकर 35 डिग्री तक का होता है जबकि शर्दियो के मोसम में यहाँ का तापमान -20 से भी ज्यादा हो जाता है.

Facts about Ladakh in Hindi | जानिए देश के नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बारे में
Ladakh in Hindi

11. दुनिया भर में पाए जाने वाले 7000 हिम तेन्दुओ में से 200 हिम तेंदुए लद्दाख में रहेते है.

12. लद्दाख का मुख्य खेल आइस होकी है जो शर्दियो के मोसम में खेली जाती है.

13. लद्दाख जाने के दो मुख्य मार्ग है. एक श्रीनगर और दूसरा मनाली-लेह राज मार्ग जो ऊंचाई पर बना एक नया मार्ग है. इस मार्ग पर केवल मई से सितम्बर तक ही जा सकते है क्यूंकि बाकि के समय में यहाँ पर काफी मात्रा में बर्फ जमी रहेती है. यह लद्दाख जाने का शोर्ट रास्ता है.

14. लद्दाख(Ladakh) में हर साल लगभल 1 लाख से भी अधिक लोग घुमने आते है और यह वहा के स्थानिक लोगो की आय का मुख्य स्त्रोत है.

15. लद्दाख के ज्यादातर क्षेत्र में भूकंप आया करते है और इन्ही भूकम्प की वजह से यहाँ पर बड़ी-बड़ी पर्वतों की श्रुन्खाले बनी है जिनकी ऊंचाई 5000 मीटर से 7000 मीटर तक है.

दोस्तों, आपको लद्दाख(Ladakh) का इतिहास और जानकारी आर्टिकल कैसा लगा हमको कमेंट करके जरुर बताना और यह जानकारी को अपने दोस्तों के साथ share जरुर करना और एसी ही जानकारी को अपने ईमेल में प्राप्त करने के लिए हमारे इस ब्लॉग को आज ही सब्सक्राइब करे यह सेवा बिलकुल भी फ्री है.

यह भी पढ़े:-

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *