Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां

Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां

Mysterious Statues In The World  | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां
दोस्तों, हमारी दुनिया में बहुत सारी एसी विशाल और Mysterious Statues हे जिसके बारे में बहुत लोग आज भी खोज कर रहे हे. हमारी सबसे शानदार आधुनिक विशाल मूर्तियां आमतौर पर पहाड़ों और चट्टान चट्टानों में बनायी जाती हैं. लेकिन पौराणिक मूर्तियां की बात ही कुछ अलग होती हे वो दिखने में भी एक आस्चार्यजनक और रोमांचक लगती हे. तो आज की इस पोस्ट में में आपको दुनिया की कुच एसी विशाल और प्राचीन मुर्तियो के बारे में बताने वाला हु.

1.  ग्रेट स्फिंक्स – गीज़ा:-

ग्रेट स्फिंक्सविश्व की सबसे प्राचीन और विशाल मूर्तियों में से एक है. यह मूर्ति हजारों साल से एक रहस्य है जिसे आजतक लोग खोजते रहते हे. इसे ग्रीक के पौराणिक काल के एक जानवर का नाम दिया गया है. 2000 साल पूर्व ग्रीक के क्लासिकल युग की मूर्ति को लेकर तरह-तरह की धारणाएं पेश की जाती रही हैं लेकिन आजतक इसका कोई सचोट तारन नहीं निकाल सका. बहुत से पुरातत्वविदों का मानना है कि फेरो सम्राटों के शासनकाल में द ग्रेट स्फिंक्सतैयार की गई थी.
कुछ विद्वानों का मानना है कि यह ग्रीक राजवंश की चौथी पीढ़ी के कार्यकाल के दौरान तैयार की गई. कुछ अन्य शोधकर्ताओं का मानना है कि गीजा में स्फिंक्सका निर्माण ग्रेट पिरामिड के साथ हुआ. मिस्र की खोई हुई सभ्यता की यह मूर्ति आज भी रहस्य और रोमांच से भरी हुई है. गिजा के पिरामिड का रहस्य और रोचक तथ्य
Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां

2. लेशान में विशाल भगवान बुद्ध की मूर्ति :-

चीन के लेशान शहर में स्थित पत्थर पर बनी भगवान बुद्ध की इस मूर्ति की ऊंचाई 233 फिट है. यह मूर्ति शिजुओ की पहाड़ी पर आठवीं शताब्दी में तैयार की गई थी. ऐसा लगता है, जैसे यह मूर्ति तीन नदियों को देख रही है. इसके निर्माण के समय यहां एक 13 मंजिला स्ट्रक्चर लकडिय़ों से बनाया गया था. इसे सोने से मढ़ा गया था लेकिन युआन राजवंश के कार्यकाल में मंगोल आक्रमणकारियों ने इसे नष्ट कर दिया था.
 
Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां
 

3. स्टैचू ऑफ शापर, ईरान:-

स्टैचू ऑफ शापर ईरान के प्रचीन शहर बिसापुर की शापर गुफाओ में स्थित हे. इस मूर्ति की ऊंचाई 21 फीट हे. यह द्वितीय सैसानियन राजा शापर प्रथम की मूर्ति है. शापर स्वतंत्र और कड़ा प्रशासक था. इस मूर्ति को भूकंप से नुकसान पहुँचने के कारन इसका एक हाथ और पैर नहीं है फिर भी इसे काफी संभाल कर रखा गया है.
 
Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां
 

4. तीर्थंकर जैन मूर्तियां, ग्वालियर, भारत:-

तीर्थंकर जैन मूर्तियां भारत के ग्वालियर शहर में बेहतरीन आकर्षणों में से एक हैं. पूरे भारत में प्राचीन जैन टेम्पल और गुफामंदिरों में तीर्थंकरों की सुंदर मूर्तियां मिलती हैं. मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में पहाड़ी की चट्टान पर एसी बहोत सारी तीर्थंकर मूर्तियां मिल जाएगी और इसमें आकार की दृष्टि से सबसे बड़ी और विशाल मूर्ति 57 फीट ऊंची है. माना जाता है कि इन मूर्तियों का निर्माण 7 वीं शताब्दी से 15 वीं शताब्दी के बीच कराया गया.
Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां
5. स्टैचू ऑफ डेसेबालस, ओर्सोवा, रोमानिया:-
रोमानिया के ओर्सोवा शहर में स्थित इस मूर्ति की ऊंचाई 131 फीट हे जो डेन्यूब नदी के किनारे पे बनाई गई हे. यह यूरोप की सबसे ऊंची रॉक स्टैचू है. रोमानिया के राजा डेसेबालस की स्टैचू के निर्माण का काम सन 1994 से सन 2004 के भीच में हुआ था. रोमानिया का यह राजा डैसियन जनजाति का था.
 
Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां

6. दा अप्पेन्निने कोलोसस, फ्लोरेंस, इटली:-

इटली देश के फ्लोरेंस में इसका निर्माण विला मेडिसी के बगीचो में सन 1579 में किया गया था. 
इसका निर्माण गिंबोलोगना ने अपनी मालकिन की सनक को पूरा करने के लिए किया था. इस मूर्ति की खासियत यह है की इसके अंदर कई फाउंटेन और ओर्केस्ट्रा के लिए एक छोटा सा कक्ष भी है.
 
Mysterious Statues In The World | दुनिया की रहस्यमय मूर्तियां

7. ल्यूसर्न का मरा हुआ शेर, ल्यूसर्न, स्विट्जरलैंड:-

स्विट्जरलैंड के लुसेर्न शहर में स्थित इस प्रतिमा का निर्माण सन 1792 की फ्रेंच क्रांति में हुए एक नरसंहार में मारे गए स्विस गार्ड्स के सम्मान में किया गया था. इस मूर्ति की ऊंचाई 33 फ़ीट हे. इस प्रतिमा को एक बेकार पड़ी बलुआ पत्थर की खदान की दीवार पर उकेरा गया था. इसे डेनिश मूर्तिकार बर्टेल थोरवाल्डसेन द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका निर्माण का काम सन 1818 में काम शुरू हुआ था जो सन 1821 में खत्म हुआ था.
धन्यवाद

 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *