गेंडो के बारे में 20 रोचक और मजेदार तथ्य

गेंडे(Rhinoceros ) शब्द का अर्थ होता है "सिंग से बना हुआ नाक". यह हाथी के बाद इस धरती पर मोजूद दूसरा सबसे बड़ा स्तनधारी जिव है.

एक समय था जब गेंडे उत्तर अमेरिका और यूरोप सहित लगभग पूरी दुनिया में पाए जाते थे. लेकिन आज यह सिर्फ एशिया और अफ्रीका में ही देखने को मिलते है.

बालदार गेंडा(Woolly Rhinoceros) की प्रजाति इस धरती पर आने वाली गेंडे की सबसे पहेली प्रजाति थी जो आज से 50 लाख साल पहेले इस धरती पर आया था और हिमयुग तक जीवित था.

आज के समय में गेंडे की 5 प्रजातिया जीवित है. जिनमे अफ्रीका में 2 प्रजाति काले गेंडे और सफ़ेद गेंडे पाए जाते है जबकि एशिया में तिन प्रजातीया पाई जाती है

सुमात्रन गेंडा सबसे छोटा गेंडा है जिसका वजन करीब 800 किलोग्राम होता है. वही एक सिंग वाला भारतीय गेंडा सभी प्रजाति में सबसे बड़ा होता है जिसका वजन करीब 3 टन और ऊंचाई 6 फीट तक होती है.

काले गेंडे वास्तव में काले रंग के नहीं होते है बल्कि ग्रे कलर के होते है. इसी तरह सफ़ेद गेंडे का रंग सफ़ेद नहीं बल्कि भूरा होता है और सुमात्रन गेंडे का रंग हल्का लाल रंग का होता है.

भारत में पाए जाने वाले गेंडे ज्यादातर आसाम के काजीरंगा नेशनल पार्क में पाए जाते है हालांकि यह पश्चिम बंगाल और हिमालय की निचली पहाड़ी पर भी पाया जाता है.

गेंडे के बारे में विस्तार से जानकारी वीडियो में दी गई है आप जरूर देखे