हमारा मस्तिक रात-दिन लगातार काम करता रहेता है. सोते वक्त भी इन्सान का दिमाग काम करता रहेता है. मस्तिक बहोत सारे काम करता है जैसे की सोचना, आँखों द्वारा देखे जाने वाले प्रतिबिम्ब को सीधा दिखाना, संख्याओ को याद रखना, हमारे चेतातंत्र को आदेश देना एसी कई सारी चीजे हमारा दिमाग करता है.एक बात तो बिलकुल सही है की मानव शरीर दिमाग के बिना कुछ भी काम का नहीं है. मानव दिमाग के बारे मर रोचक तथ्य एवं जानकारी
दोस्तों, जिस तरह जन्म एक सच्ची घटना है ठीक इसी तरह मरण भी उतना ही सच है. जन्म और मरण एक कुदरती घटना है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की मरते समय में इन्सान के दिमाग में क्या चलता होता है? क्या इन्सान को पुनर्जन्म के बारे में पता चलता है? आखिर इन्सान क्या सोचता रहेता है? आज के इस आर्टिकल में में आपको इस के बारे में बताने जा रहा हु जो वैज्ञानिको ने कई सालो की रीसर्च के बाद पता लगाया है.
मोत से पहेले इन्सान का दिमाग क्या सोचता है? | what does the brain think right before death?
अभी तक किसी को भी इसके बारे में पूरी और सच्ची जानकारी नहीं है की मरते समय इन्सान का दिमाग क्या सोचता रहेता है लेकिन हाली ही में वैज्ञानिको ने कुछ अध्ययन किया है जिसमे उनको मोत के तांत्रिक विज्ञान के बारे में दिलचस्ब जानकरी हांसिल हुई है. यह अध्यन बर्लिन की चेरिट यूनिवर्सिटी और ओहायो की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको ने जेन्स द्रेयर की अगुवाई में कीया है.
इस रीसर्च के लिए वैज्ञानिको ने कुछ मरीजो के परिवारजनों से परवानगी लेकर उन मरीजो के तंत्रिका तंत्र की बारीक़ तरीके से निगरानी की. यह लोग भीषण सड़क हादसों में घायल हुए थे या स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट का शिकार हुए थे. इस रीसर्च में वैज्ञानिको ने पाया की मरते समय इन्सान और पशुओ का दिमाग एक ही तरीके से काम करता है. इस रीसर्च के पीछे मकसद यही था की किसी को उनके अंतिम समय में मोत से कैसे बचाया जा सकता है.
मोत के वक्त क्या होता है
- मोत के समय शरीर में रक्त का प्रवाह रुक जाता है जिससे दिमाग में ओक्सीजन नहीं पहोचता है.
- सेरेब्रल इस्किमिया नामक इस स्थिति में शरीर के लिए जरुरी रशायण कम हो जाते है जिसकी वजह से दिमाग में एल्क्ट्रिकल एक्टिविटी पूरी तरह से ख़त्म हो जाती है.
- वैज्ञानिको के मुताबिक दिमाग शांत इसलिए होता है क्यूंकि दिमाग के भूखे न्यूरोन अपनी ऊर्जा संरक्षित कर लेते है लेकिन मोत के निकट होने की वजह से यह ऊर्जा किसी भी काम नहीं आत्ती है.
- सभी आयन दिमाग की कोशिकाओ को छोड़ कर अलग हो जाते है.
- टिस्यू रीकवरी नामुमकिन हो जाती है.
- दिमाग की कोशिकाए मोत को टालने के हर मुमकिन कोशिश करते रहेते है.
कई सारे मरने वाले इन्सानों के अध्ययन से पता चला है की हर इन्सान मरते समय निचे मुजब की बाते सोचता है.
- वैज्ञानिको में मुताबिक हर इन्सान मोत के समय पर अपने जीवन के दोरान बिताए गए हर अच्छे और बुरे पल को याद करता है. इस समय इन्सान शांत रहेता है और उसके दिल का आकार बढ़ जाता है.
- अध्ययन से पता चला है की मोत के समय भी इन्सान अपनी चिंताओ से मुक्त नहीं हो पता है. वो अपने जीवन के उस काम के बारे में सोचता है जिसको वो पूरा नहीं कर पाया है और इस बात का उस इन्सान को दुःख होता है.
- मरते समय भी इन्सान अपनी अधूरी इच्छाओ के बारे में सोचता रहेता है. वो सोचता है की अगर इसके पास थोडा और समय होता तो वो अपनी सारी इच्छाए पूरी कर पाता.
- मरते समय हर इन्सान अपने बीते जीवन के बारे में सोचता है की कास मैंने पूरी जिन्दगी भाग दोड में बिताये बिना थोडा बहोत समय अपने लिए भी निकाला होता.
- मोत के समय हर इन्सान चाहता है की उनका परिवार उनके साथ ही हो.
- स्किन के सेल्स मरने के बाद भी 12 घंटे तक जिन्दा रहेता है. त्वचा के बारे में अगर आपको पूरी जानकारी नहीं मालूम है तो आप हमारी पोस्ट त्वचा के बारे में रोचक तथ्य पढ़ सकते हो.
- लीवर, किडनी मरने के 30 मिनट के बाद भी जिन्दा रहेता है इसी वजह से इसको 6 घंटे के भीतर किसी भी इन्सान के अन्दर डाला जा सकता है.
- इन्सान का ह्रदय मरने के बाद भी 30 मिनिट से 6 घंटे तक जीवित रहेता है.
- मरने के बाद भी इन्सान की डाइजेस्ट सिस्टम कुछ समय तक काम करती है क्यूंकि इसके अन्दर मोजूद बेक्टेरिया जीवित रहेते है और इसकी बदोलत डाइजेस्ट सिस्टम भी काम करती है.
- मानव के शरीर की कोशिकाओ तिन दिन तक जीवित रहेती है.
- इन्सान के मरने के बाद भी कुछ समय तक उसका दिमाग एक्टिव ही रहेता है. दिमाग के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारी पोस्ट दिमाग से जुड़े रोचक तथ्य पढ़ सकते हो.