दोस्तों, जिस तरह जन्म एक सच्ची घटना है ठीक इसी तरह मरण भी उतना ही सच है. जन्म और मरण एक कुदरती घटना है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की मरते समय में इन्सान के दिमाग में क्या चलता होता है? क्या इन्सान को पुनर्जन्म के बारे में पता चलता है? आखिर इन्सान क्या सोचता रहेता है? आज के इस आर्टिकल में में आपको इस के बारे में बताने जा रहा हु जो वैज्ञानिको ने कई सालो की रीसर्च के बाद पता लगाया है.
मोत से पहेले इन्सान का दिमाग क्या सोचता है? | what does the brain think right before death?
अभी तक किसी को भी इसके बारे में पूरी और सच्ची जानकारी नहीं है की मरते समय इन्सान का दिमाग क्या सोचता रहेता है लेकिन हाली ही में वैज्ञानिको ने कुछ अध्ययन किया है जिसमे उनको मोत के तांत्रिक विज्ञान के बारे में दिलचस्ब जानकरी हांसिल हुई है. यह अध्यन बर्लिन की चेरिट यूनिवर्सिटी और ओहायो की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको ने जेन्स द्रेयर की अगुवाई में कीया है.
इस रीसर्च के लिए वैज्ञानिको ने कुछ मरीजो के परिवारजनों से परवानगी लेकर उन मरीजो के तंत्रिका तंत्र की बारीक़ तरीके से निगरानी की. यह लोग भीषण सड़क हादसों में घायल हुए थे या स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट का शिकार हुए थे. इस रीसर्च में वैज्ञानिको ने पाया की मरते समय इन्सान और पशुओ का दिमाग एक ही तरीके से काम करता है. इस रीसर्च के पीछे मकसद यही था की किसी को उनके अंतिम समय में मोत से कैसे बचाया जा सकता है.
मोत के वक्त क्या होता है