Mystery of Dinosaurs in Hindi | इन्सान को कैसे पता की डायनासोर कैसे दिखते थे ?

Mystery of Dinosaurs in Hindi | डायनासोर से जुड़े रहस्य | असली डायनासोर केसे दीखते होगे?

इन्सान को कैसे पता की डायनासोर कैसे दिखते थे ? | Mystery of Dinosaurs in Hindi

हमारी इस धरती पर न जाने कितने प्रकार के जिव, जंतु, प्राणी और पक्षी निवास करते है. कई सारे जिव इस धरती पर उत्पन्न होते है और अनुकूल वातावरण न मिलने की वजह से नस्ट भी हो जाते है. लेकिन क्या आप जानते है इस धरती पर कई सारे एसे प्राणी भी हुए है जिन्होंने मन्युष्य के इस धरती पर आने से पहेले ही जन्म लिया और कई सालो तक राज किया लेकिन बाद में इन्सानों के जन्म से पहेले ही धरती पर से लुप्त भी हो गए. जी हां हम बात कर रहे हे डायनासोर की जिन्होंने करोडो साल पहेले पृथ्वी पर जन्म लिया और करोडो साल तक राज भी किया.

आप सभी ने डायनासोर पर बनी फिल्में  जरुर देखि होगी लेकिन आपको सुन कर हेरानी होगी की यदि मनुष्य के जन्म के कई लाखो साल पहेले ही डायनासोर पृथ्वी से जा चुके थे मतलब इन्सान ने कभी भी डायनासोर को देखी ही नहीं है तो इसकी कल्पना, खोज और बाकि तथ्यों का पता कैसे लगाया? चलिए जानते है इस आर्टिकल के माध्यम से की असली डायनासोर कैसे रहे होगे? क्या खाते थे? इन्सानों ने बिना देखे डायनासोर की कल्पना कैसे की?

इन्सान को कैसे पता की डायनासोर कैसे दिखते थे ? | Mystery of Dinosaurs in Hindi

चीटियाँ लाइन में क्यों चलती हैं?

डायनासोर, हम इन्सान के जन्म के लाखो साल पहेले ही इस धरती से जा चुके थे ईसिस वजह से किसी भी इन्सान ने डायनासोर को देखा ही नहीं है. इसी वजह से फिल्मो में दिखाए गए डायनासोर सिर्फ एक कल्पना की उपज ही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की वो चित्र बिलकुल गलत है.

डायनासोर के आकार की कल्पना महज कोरी बात नहीं है, असल में वैज्ञानिकों ने Mystery of Dinosaurs in Hindi के कुछ अवसेश जैसे की डायनासोर की हड्डिया, कंकाल, अंडे, मल और पंख आदि प्राप्त हुए. उनके आधार पर संसोधन कर वैज्ञानिको ने डायनासोर के आकार, प्रकार, काया और रूप का अंदाजा लगाया. इन शोधो से पता चला है की यह डायनासोर ने लगभग 16 करोड़ वर्षो तक पृथ्वी पर राज किया था. उस समय यह डायनासोर धरती के सबसे विशालकाय जीव थे.

सबसे पहेले डायनासोर शब्द का इस्तमाल सन 1842 में वैज्ञानिक सर रिचर्ड ओवेन ने किया था. डायनासोर का हिंदी में नाम है एक भयानक छिपकलीडिनोस का अर्थ है भयानक, शक्तिशाली और सॉरस का अर्थ है छिपकली. इन दोनों शब्द को मिलाकर इसको भयानक छिपकली यानि की डायनासोर का नाम दिया गया.

चमगादड़ से जुड़े कुछ ऱोचक तथ्य

वैज्ञानिको ने अब तक डायनासोर के 500 से अधिक विविध वन्सो और 1 हजार से अधिक प्रजातियो की खोज की है. डायनासोर के अवशेष पृथ्वी के हर महाद्वीप पर पाए जाते है.

डायनासोर के बारे में सटीक जानकरी उनके मल से जुटाई गई है. विज्ञानिक इस मल के अवशेषों को क्रोपोलाइट कहेते है. अमेरिका के कोलोराडो यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक करेन शिन(Karen Chin) डायनासोर के मल पर पिछले 25 सालो से रिसर्च कर रही है जिससे उनको पता लगा की डायनासोर की कई प्रजाति लकड़ी भी खाती थी जिससे उनको ऊर्जा मिलती थी. वैज्ञानिको का अनुमान है की डायनासोर के वक्त धरती पर घास -फूस ज्यादा नही थी इसी लिए डायनासोर को लकड़ी खाने के लिए मजबूर होना पड़ा होगा.

कई सालो तक विज्ञानिको और इन्सानों को डायनासोर के बारे में बहोत ही कम जानकरी थी लेकिन 20 मी सदी में अमेरिकी वैज्ञानिक जैक होर्नर ने डायनासोर के जीवाश्म का खजाना खोज निकाला था. अमेरिकी राज्य मोंटाना में होर्नर के हाथ डायनासोर के अंडे, भ्रूण और बच्चो के कंकाल मिले. मानो की डायनासोर की कोई ख़ुफ़िया गुफा हाथ लग गई हो. जिसके बाद वैज्ञानिको ने इस जगह को “एंग माउंटेन” नाम दिया था.

अमेरिकी वैज्ञानिक मैट करानो के मुताबिक डायनासोर के अंडो से इनकी जिन्दगी के काफी पहेलु के बारे में पता चला जैसे की वो बचपन में कैसे दीखते थे और बड़े होने के बाद कैसे बन जाते थे. अंडो से डायनासोर नर हे या मंदा इसके बारे में भी पता चल सका है जो सिर्फ कंकाल से पता लगाना मुस्किल काम था.

पिछले 30 सालो में जीवाश्म जिव विज्ञान की खोज से कई सारी नै जानकारिया सामने आई है. वैज्ञानिको का मानना है की कई सारे डायनासोर पंख वाले भी थे हलाकि भारी शरीर के कारन वो पंख होने के बावजूद भी उड़ नहीं सकते थे. अमेरिकी वैज्ञानिक मैट करानो कहेते है की पंखो की मदद से वे एक दुसरे को संदेश देते होंगे या फिर अपनी मादा साथी को लुभाने के लिए करते होंगे.

कोआला भालू के बारे में रोचक तथ्य

जीवाश्म से पता चला है की समुद्री डायनासोर इक्थियासोर की चमड़ी गहेरे काले रंग की होती होगी. पंख वाले डायनासोर के कंकाल से उसके शरीर पर धरिया होने के संकेत भी मिले है. वैज्ञानिको के मुताबिक ज्यादातर डायनासोर की चमड़ी गहरे लाल-भूरे रंग की या अखरोट के रंग की रही होगी.

अब दूसरा सवाल यह भी उठता है की इन डायनासोर की आवाज कैसी रही होगी? क्यूंकि इसका पता तो डायनासोर अंडे या कंकाल से भी नहीं लगाया जा सकता था. डायनासोर की अवाज का पता लगाने के लिए वैज्ञानिको ने लैब में कोमुप्टर पर डायनासोर के सिर का मोडल बनाकर वर्चुअल तरीके से वहा से हवा को पसार किया और कई सारे बड़े जानवर की आवाज को मिलाकर एक नै आवाज बनाई. जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है की डायनासोर की आवाज दहाड़ ने जैसी रही होगी.

रामप्रसाद एक बहादुर हाथी

पिछले 30-40 साल में कंकालो, अंडे और नए अवशेषों की मदद से  वैज्ञानिको को करोडो साल पहेले खत्म होजाने वाले डायनासोर के बारे में काफी जानकारी मिली है. लंदन के पॉल बैरट कहेते है की अब हमारे पास डायनासोर के बारे में पर्याप्त जानकरी है जिससे हम डायनासोर की सही तस्वीर बना सकते है.  उनका कहेना है की डायनासोर सुके या दलदल वाले इलाको में रहेते थे.

अब तक जुटाई गई सारी बातो से यह बात तो पता चल गई है की डायनासोर एक दम अनूठे क्रिस्म के जानवर थे जो धरती पर इन्सानों के जन्म के लाखो साल पहेले रहते थे और धरती पर राज किया करते थे. पर यह जानवर जो धरती पर करोडो सालो से राज करते थे उनका खात्मा कैसे हुआ? इस बात को जानने के लिए आप मेरा कैसे हुआ डायनासोर का अंत-डायनासोर का अंत और इन्सानों का जन्म आर्टिकल पढ़ सकते हो. जिसमे आपको डायनासोर के जन्म से इन्सानों की उत्पति के बारे में सारी बाते पता चल जाएगी.

यह भी पढ़े:-

  1. मैमथ हाथी और अन्य हथियो की सारी प्रजातियो के बारे में जानकारी
  2. दुनिया का सबसे बड़ा मगरमच्छ जो डायनासोर को भी खा जाते थे
  3. दुनिया के सबसे बड़े जानवर
  4. तस्मानिया टाइगर कैसे खत्म हुआ
  5. दुनिया के सबसे खतरनाक कुत्ते

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *