यह शहर बहुत ही ठंडा हे और यहाँ साल भर बर्फ ही जमी रहती हे इतना ही नहीं बल्कि दिसंबर-जनवरी ये 2 महीने तो सूरज का नज़ारा भी देखने को नहीं मिलता हे. इस शहर में 365 में से 270 दिन बर्फ जमी रहती है आर कड़कड़ाती ठंड के साथ तापमान माइनस 55 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इसके अलावा बाकी के दिनों में भी इसका तापमान माइनस 10 डिग्री से कम नहीं रहता हे.
शहर के लोगो के सामने क्या चुनौती हे
जैसे की हमने बात की की यहाँ साल भर बर्फ ही रहती हे और तापमान 55 डिग्री सेल्सियस हो जाता हे जिसके चलते इस शहर के लोगो को बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ता हे. यहाँ पर हर 3 दिन में बरिफेले तूफान आता हे जिस से बहुत कुछ नुकसान होता हे, कम धुप के कारन यहाँ के लोगो डिप्रेशन जैसी बीमारियों के शिकार भी हो जाते हैं.
यह शहर रशिया की राजधानी मॉस्को से पूरी तरह से कटा हुआ हे यानि की पुरे देश से बिलकुल अलग पड गया हे, यहाँ कोई भी लोग आ-जा नहीं सकते हे क्योंकि चारों तरफ से समुद्र से घेरा हुआ यह शहर हे, इस लिए यहाँ आने के लिए सिर्फ दो ही मार्ग हे, एक हवाई मार्ग और दूसरा दरियाई मार्ग. यही वजह है यहां के रहने वाले लोग अपने ही देश के बाकी क्षेत्र को मेनलैंड कहकर बुलाते हैं. शहर की समृद्धि पूरी दुनिया और अपने देश से बिलकुल अलग होने के बावजूद भी यह शहर रशिया का एक समृद्ध शहर हे. भले ही ये शहर पूरी दुनिया से कट गया हो फिर भी इस शहर में आधुनिक सभी सुविधाएँ उपलब्ध हे जो की बाकी सभी देशो में हे. यहां पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन, कैफ़े, चर्च, बार, आर्ट गैलरी और थिएटर सहित वर्तमान समय की सारी सुख सुविधायें उपलब्ध हैं.
हकीक़त में नॉरिल्स्क निकल, प्लेटिनम और पैलेडियम उत्पादक के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र हे. और इस वजह से यह शहर रशिया का सबसे अमीर शहर बन चुका हे. इतना ही नहीं बल्कि पुरे रशिया देश की जीडीपी में इसका 2% हिस्सा हे. पुरे शहर के ज्यादातर लोग खनिज के काम में ही जुड़े हुए हे और इसके चलते यहाँ बेकारी जैसी कोई भी समस्या भी नहीं हे.
समस्या
हमने इस शहर की ठंडी और आबादी के बारे में जान लिया और इसकी समृद्धि के बारे में भी जाना लेकिन इस शहर के लोगो को बहुत सारी मुश्किलों का सामना भी करना पड रहा हे. चलिए एक नजर इस पर भी डालते हे.
साल भर बर्फ और ठंडी की वजह से यहाँ के लोगो को बहुत सारी बिमारियों का सामना करना पड़ रहा हे.
यहाँ के लोगो को डिप्रेशन की बीमारी रहती हे
सूरज और धुप की कमी के कारन यह लोगो को ज्यादा विटामिन और प्रोटीन नहीं मिलता हे.
इस शहर में प्रदूषण भी एक बहुत बड़ी समस्या हे क्योंकि ख़राब मौसम के चलते सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा इतनी बढ़ गई की करीब 30किमी के आसपास की वनस्पति खत्म हो गई है.
किसी भी लोग को बहार जाना हो तो हवाई जहाज़ का इस्तेमाल करना पड़ता हे और आसपास कही भी घुमने के लिए नहीं जा सकते हे.
बड़े पैमाने पर खनन और शुद्घिकरण का काम होने की वजह से इस शहर में प्रदूषण की मात्रा सबसे अधिक बढ़ गई ये और साथ में दाल्दीकन नदी का पानी भी लाल हो गया हे.
दोस्तों, Coldest place of the world In Hindi | यह शहर हे दुनिया का सबसे ठंडा जहाँ साल भर गर्मी नहीं पड़ती यह आर्टिकल आपको केसा लगा हमने कमेंट करके जरुर बताए. और अगर आप इस तरह की पोस्ट को अपने इनबॉक्स में पाना चाहते हो तो हमारे इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरुर करे.
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