डॉक्टर या लेब में काम करने वाले लोगो द्वारा पहने जाने वाला कपड़ा घुटन तक लम्बा होता है जो सफ़ेद यह हल्के रंग के सूती, लिनन या सूती पोलिएस्टर के मिश्रण से बना होता है. जिसके कारन इस कपडे को उच्च तापमान से भी धोया जा सकता है और सफ़ेद होने की वजह से वो आसानी से पता भी लगा सकते है की यह कपडा साफ हुआ है या नहीं.
खैर यह तो हुई आम बात, अब जानते है Why Doctors were white coats in Hindi के पीछे का वैज्ञानिक कारन.
डॉक्टर सफ़ेद कोट ही क्यों पहनते है?
आज के समय में डॉक्टर की पहचान सफ़ेद कोट हो चुकी है. इस सफ़ेद कोट को एप्रन(Apron) कहा जाता है. डोक्टोरो द्वारा सफ़ेद कपडे पहनने की परंपरा कई सालों से चली आ रही है. लेकिन सवाल आता है की सफ़ेद कोट(White Coat) का ही चयन क्यों किया गया? क्या कोई और रंग का कोट नहीं पहना जा सकता था? सफ़ेद कोट पहनने के पीछे कई सारी वजह थी जो हम नीचे बताने वाले है.
1. चिकित्सा में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है साफ-सफाई की. बिना साफ-सफाई के काम करना मुश्किल काम होता है और इसके लिए डॉक्टर वाइट रंग का कोट पहनते जिसके कारन पता चल सके की कपडा साफ है या गन्दा.
2. डॉक्टर और नर्स सफ़ेद कोट (White Coat) इसी लिए भी पहनते है की ताकि रोगियों और अन्य व्यक्ति के बीच में उनकी पहचान आसानी से हो सके.
3. सफ़ेद रंग शुद्धता और ईमानदारी का प्रतीक है.
4. सफ़ेद रंग शांति और सुकून का रंग माना जाता है और डॉक्टर्स का काम अपने मरीजो का इलाज करना और उनको राहत महेसुस करवाना होता है.
5. Why Doctors were white coats in Hindi के पीछे एक और वैज्ञानिक कारन यह भी है की हॉस्पिटल में आकर मरीज़ों तनाव भरे माहौल में भी भी पॉजिटिव रहे सके.
6. स्वच्छता की साफ़ छोड़ना.
7. स्वयं के दुषीतकरण से रोगियों की रक्षा करना.
8. सफ़ेद रंग का कोट शरीर में Temperature को Maintain रखने में भी कारगर साबित होता है.
तो अब आप जान गए होंगे की डॉक्टर सफ़ेद कोट क्यों पहनते है. उम्मीद है आपको यह जानकारी ज़रुर पसंद आई होगी.
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