युवराज सिंह का क्रिकेट सफ़र | Biography of Yuvraj Singh
जेसे की हम जानते है की हमारे भारत देश में क्रिकेट को धर्म की तरह ही माना जाता है. और ज्यादातर लोग अपने फेवरिट क्रिकेटर से प्रेरणा भी लेते है. कुछ क्रिकेटर का जीवन अपने आप में ही एक बढ़ा Motivational होता है जो कई सारे युवाओ को अपने जीवन में आगे बढ़ ने के लिए प्रेरित करता है और उनमेसे एक बहोत बड़ा नाम है भारत की क्रिकेट टीम का शेर यानि की युवराज सिंह.
जिहा, भारतीय ऑल राउंडर युवराज सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के 19 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को दिए और इस दौरान कई ऐसे कारनामे किए, जो क्रिकेट इतिहास के बड़े बड़े दिग्गज भी नहीं कर पाए है. युवराज सिंह के नाम पर कई ऐसे रिकॉर्ड हैं, जिन्हें तोड़ना काफी मुश्किल हैं. भले ही युवराज सिंह के करियर में कई उतार-चढ़ाव रहे और उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी इस भारतीय खिलाड़ी की बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग का हर कोई दीवाना रहा.
चलिए आज के इस आर्टिकल में जानते हैं भारत के फाइटर खिलाडी युवराज सिंह के बारे में करियर की शुरआत से अंत तक सब कुछ.
चलिए एक नजर डालते हे की कोनसे मुद्दे पर बात होने वाली है,
1 1) युवराज सिंह का जन्म और बचपन
2) युवराज सिंह का फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर
3) युवराज सिंह का अंडर 19 वर्ल्ड कप
4) भारतीय टीम में डेब्यू
5) युवराज सिंह के रिकार्ड्स
6) कैंसर को चैंपियन की तरह हराया
7) युवराज सिंह का व्यकितगत जीवन
8) युवराज सिंह का रिटायरमेंट और यादगार लम्हे
9) युवराज सिंह के बारे में महत्वपूर्ण रोचक तथ्य
चलिए बात करते विस्तार से युवराज सिंह के बारे में.
युवराज सिंह का जन्म और बचपन
युवराज सिंह का जन्म 12 दिसम्बर 1981 को भारत के राज्य पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में हुआ था. इनके पिता का नाम योगराज सिंह तथा माता का नाम शबनम सिंह है. इनके भाई का नाम ज़ोरावर सिंह है जो एक अभिनेता है. युवराज सिंह ने डीएवी पब्लिक स्कूल, सेक्टर 8, चंडीगढ़ से अपनी पढाई की थी.
युवराज के पिता योगराज सिंह भी एक क्रिकेटर थे इसी वजह से वो भी चाहते थे की युवराज भी एक क्रिकेटर बने पर युवराज को क्रिकेट खेलना पसंद नहीं था वो टेनिस और रोलर स्केटिंग ज्यादा पसंद करता था. लेकिन उनके पीताने युवराज सिंह को एक शानदार क्रिकेटर बनाया. इसी तरह उनके पिता की वजह से युवराज सिंह के क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई.
युवराज सिंह का फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर
युवराज सिह ने अपने क्रिकेट करियर की शुरआत 11 साल की उम्र में पंजाब अंडर 12 से सन 1995 में की थी और अपने पहेले मेच में उनके सामने अंडर 16 की जम्मू कश्मीर की टीम थी. इसके बाद सन 1996-97 से उन्होंने पंजाब के लिए अंडर 19 की हिमाचल प्रदेश की टीम के सामने मेच खेला था.
युवराज सिह ने अपने क्रिकेट करियर की शुरआत 11 साल की उम्र में पंजाब अंडर 12 से सन 1995 में की थी और अपने पहेले मेच में उनके सामने अंडर 16 की जम्मू कश्मीर की टीम थी. इसके बाद सन 1996-97 से उन्होंने पंजाब के लिए अंडर 19 की हिमाचल प्रदेश की टीम के सामने मेच खेला था.
युवराज सिंह का अंडर 19 वर्ल्ड कप
इसी तरह लगातार अपनों से बड़ी उम्र वाली टीम के सामने भी उनका परफॉरमेंस लगातार बेहतर होता गया और इस वजह से सन 2000में हुए अंडर 19 वर्ल्ड कप की टीम में मोहम्द कैफ के नेतृत्व में टीम में सामिल किया गया. और इस पुरे वर्ल्ड कप में उन्होंने बेहतरीन परिया खेली और टीम इंडिया को वर्ल्ड कप में जीत दिलाई ओर उनके बेहतरीन पर्फोर्मंस की वजह से प्लेयर ऑफ़ थे टूर्नामेंट भी बने.
इस तरह से उनका करियर आगे बढ़ता गया. चलिए नजर डालते हे उनके international debut पर.
भारतीय टीम में डेब्यू
ICC under 19 WC मेंबेहतरीन परफॉरमंस की वजह से उनको ICC की नोकाउट टूर्नामेंट के लिए चुना गया और अपना पहेला मेच केन्या के सामने खेला था. इस टूर्नामेंट में युवराज ने ओस्ट्रेलिया के सामने अपनी पहेली मेच खेलते हुए 82 बोल्स में 84 रन बनाये थे.
जेसे की हम सभी जानते है की पहले भारतीय टीम की फील्डिंग काफी ख़राब हुआ करती थी जो अजय जडेजा और रोबिन सिंह ने काफी हद तक भारत की फील्डिंग में बदलाव ला दिया था. और इसी फील्डिंग के स्तर को मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने आगे बढाया. महान फील्डर्स जोंटी रोड्स भी मानते हैं कि इन दोनों खिलाड़ियों ने टीम इंडिया की फील्डिंग को बदलकर रख दिया.
सन 2003 में युवराज ने अपना पहेला टेस्ट न्यूजीलैंडके खिलाफ खेला था.
युवराज सिंह के रिकार्ड्स
चलिए एक नजर डालते हे युवराज सिंह के करियर के कुछ रेकॉर्ड्स पर.
बात है सन 2002 की जब भारत लगातार 3 फाइनल हार चूका था और इस बार भी नेटवेस्ट ट्रोफी की फाइनल में इंग्लैंड ने 325 का विशाल score खड़ा कर दिया था. और जवाब में भारत का स्कोर 146/5 था और सब को लगता था की यह मेच भारत हार जायेगा तब युवराज सिंह और मोहम्द कैफ ने इस हरी हुई मेच को जिताया था.
सन 2003 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में जब टीम इंडिया मुस्किल में थी तब मिडल आर्डर में आकार सिर्फ 119 गेंदों में 139 रन का स्कोर किया था. उन दिनों ऑस्ट्रेलिया के सामने खेलना काफी मुस्किल था.
इसके बाद सन 2005-06 में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और पाकिस्तान के साथ हुई सीरिज में लगातार 3 बार मेन ऑफ़ थे सीरिजका ख़िताब जीता था. इन तिन सीरिज में युवराज ने तिन सतक और 4 अर्ध सतक लगाये थे.
इसके बाद 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ 5 मेच में 4 अर्ध सतक लगाकर इंडिया को जीत दिलाई थी और मेन ऑफ़ थे सीरीज का ख़िताब अपने नाम किया था.
सन 2007 के T-20वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में अपना अर्ध सतक और 6 गेंद में 6 सिक्स लगाकर दुनिया को चोंका दिया था. और इस वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में जब भारत की पारी लड़खड़ाई थी तब सिर्फ 30 गेंदों में 70 रन की पारी खेल कर भारत को जित दिलाने में अहम् भूमिका निभाई थी.
इस तरह वर्ल्ड कप 2011 में भी बेहतरीन प्रदशन करके टीम इंडिया को वर्ल्ड कप का ख़िताब जिताया और सचिन तेंदुलकर के बाद वर्ल्ड कप में मेन ऑफ़ थे टूर्नामेंट का ख़िताब जितने वाला दूसरा भारतीयखिलाडी बना.
युवराज सिंह ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट, 304 वनडे ओर 58 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. उन्होंने टेस्ट मैचों में 1900 और वनडे में 8701 रन बनाये. उन्हें वनडे में सबसे अधिक सफलता मिली. टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम पर 1177 रन दर्ज हैं
कैंसर को चैंपियन की तरह हराया
वर्ल्ड कप के दौरान ही युवी की तबीयत बिगड़ने लगी थी. लेकिन उन्होंने किसी को इसका अहसास नहीं होने दिया. फिर साल 2011 में ही खबर आ गई थी कि युवी को कैंसर है. यह खबर उनके फैंस के साथ-साथ युवी के लिए भी चौंकानेवाली थी. फिर भी परिवार और खास दोस्तों की वजह से युवराज ने कैंसर को हराया और बाकी लोगों को इसकी प्रेरणा दी. युवराज बताते हैं कि उस वक्तमें सबसे ज्यादा मेहनत उनकी मां ने की और खुद कभी कमजोर न पड़ते हुए उन्हें नई जिंदगी दिलाई.
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Image source:-hazelkeechofficial-Instagram |
युवराज सिंह का व्यकितगत जीवन
युवराज सिंह क्रिकेट के आलावा अपने व्यकितगत जीवन में भी काफी पोपुलर है. उन्होंने पंजाबी फिल्मो में एक्टिंग भी की है. इसके आलावा बचपन में टेनिस और रोलर स्केटिंग युवराज के पसंदीदा खेल थे और युवराज दोनों भी खेल अच्छा ही खेलते थे. युवराज ने अन्तराष्ट्रीय अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती है. लेकिन उनके पिता ने उनके सारे मेंडल्स फेक दिए थे और कहा था की वे सिर्फ क्रिकेट पर ही ध्यान दे.
युवराज ने बाल कलाकार के रूप में छोटे रोल भी किये, मेहँदी सांगा दी और पुट सरदार में उन्होंने छोटे किरदार निभाये है. युवराज ने 12 नवंबर 2015 को भारतीय मूल की ब्रिटिश मॉडल और अभिनेत्री हेज़ल कीच से सगाई की थी और सन 30 नवंबर 2016 को से शादी की थी.
युवराज सिंह का रिटायरमेंट और यादगार लम्हे
जेसे की हम को पता है की युवराज सिंह ने सोमवार को अपने क्रिकेट करियर को अलवीदा कह दिया हे लेकिन वो उन्होंने जो भारत के लिए किया हे वो सायद ही कोई और कर पायेगा और वो एक सानदार रिटायरमेंट के हक़दार भी थे. अपने रिटायरमेंट के दोरान युवराज ने बताया की उनके क्रिकेट करियर में सन 2002 की नेटवेस्ट ट्रोफी की फाइनल, सन 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप के 6 गेंद में 6 छग्गे, वर्ल्ड कप 2011 और सन 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ 150 रन की पारी को याद गार लम्होमे से एक है.
युवराज सिंह के बारे में महत्वपूर्ण रोचक तथ्य
1) युवराज सिंह बचपन में रोलर स्केटिंग और टेनिस में बहुत ही अच्छे थे, इन्होंने रोलर स्केटिंग में नेशनल U–11 चैंपियनशिप भी जीती.
2) युवराज के पिता योगराज सिंह भी पूर्व भारतीय क्रिकेटर रह चुके है.
3) युवराज सिंह बचपन से ही दूसरे खेलों के शौकीन थे, लेकिन इनके पिता उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होनें नवजोत सिंह सिन्धु को युवराज के कोच के रूप में चुना और बाद में योगराज सिंह ने कोच के रूप में इन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ाया.
4) साल 1999 में U-19 कूच बिहार ट्राफी में युवराज ने बिहार के खिलाफ मैच खेल कर 3 शतक लगाकर 404 गेंदों में 358 रन बनाये थे.
5) बालावस्था में ही उनके माता-पिता का तलाक़ हो गया था और युवराज अपनी माँ के साथ रहने लगे थे.
6) सबसे पहले अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में युवराज को 21 लाख रूपये का चेक मिला जिसे उन्होंने अपनी माँ को घर खरीदने के लिए दिया था.
7) युवराज सिंह के नाम टी-20 क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड है.
8) पूर्व भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के बाद, युवराज ही एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्हें इंग्लिश काउंटी टीम यॉर्कशायर द्वारा साइन किया गया था.
9) युवराज सिंह आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट जितने वाला दूसरा भारतीय खिलाडी था. वर्ल्ड कप 2011 में युवराज सिंह ने कुल 362 रन बनाए थे और साथ ही 15 विकेट ली थी.
10)सन 2011 के वर्ल्डकप में इन्हें पता चला कि इन्हें लंग कैंसर है, किन्तु वे कमजोर नहीं पड़े और कीमोथेरेपी के जरिये वे ठीक हो कर उन्होने जल्दी ही मैदान में फिर से वापसी की थी.
11)युवराज ने कैंसर से पीढित रोगियों के लिए यूवीकेन फ़ाउंडेशन की भी स्थापना की है.
12)सन 2013 में युवराज ने अपनी ऑटोबायोग्राफी “द टेस्ट ऑफ़ माय लाइफ: क्रिकेट से लेकर कैंसर तक और उससे वापस” रिलीज़ की थी.
13)साल 2012 में युवराज सिंह को खेल के क्षेत्र में शानदार योगदान देने के लिए अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था.
14)साल 2014 में युवराज सिंह को पद्मा श्री के गौरव से नवाजा गया था.
15)युवराज को साल 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने 16 करोड़ की भारी कीमत चुकाकर खरीदा था.
16)युवराज सिंह सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते है.