चलिए एक नजर डालते हे युवराज सिंह के करियर के कुछ रेकॉर्ड्स पर.
बात है सन 2002 की जब भारत लगातार 3 फाइनल हार चूका था और इस बार भी नेटवेस्ट ट्रोफी की फाइनल में इंग्लैंड ने 325 का विशाल score खड़ा कर दिया था. और जवाब में भारत का स्कोर 146/5 था और सब को लगता था की यह मेच भारत हार जायेगा तब युवराज सिंह और मोहम्द कैफ ने इस हरी हुई मेच को जिताया था.
सन 2003 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में जब टीम इंडिया मुस्किल में थी तब मिडल आर्डर में आकार सिर्फ 119 गेंदों में 139 रन का स्कोर किया था. उन दिनों ऑस्ट्रेलिया के सामने खेलना काफी मुस्किल था.
इसके बाद सन 2005-06 में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और पाकिस्तान के साथ हुई सीरिज में लगातार 3 बार मेन ऑफ़ थे सीरिजका ख़िताब जीता था. इन तिन सीरिज में युवराज ने तिन सतक और 4 अर्ध सतक लगाये थे.
इसके बाद 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ 5 मेच में 4 अर्ध सतक लगाकर इंडिया को जीत दिलाई थी और मेन ऑफ़ थे सीरीज का ख़िताब अपने नाम किया था.
सन 2007 के T-20वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में अपना अर्ध सतक और 6 गेंद में 6 सिक्स लगाकर दुनिया को चोंका दिया था. और इस वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में जब भारत की पारी लड़खड़ाई थी तब सिर्फ 30 गेंदों में 70 रन की पारी खेल कर भारत को जित दिलाने में अहम् भूमिका निभाई थी.
इस तरह वर्ल्ड कप 2011 में भी बेहतरीन प्रदशन करके टीम इंडिया को वर्ल्ड कप का ख़िताब जिताया और सचिन तेंदुलकर के बाद वर्ल्ड कप में मेन ऑफ़ थे टूर्नामेंट का ख़िताब जितने वाला दूसरा भारतीयखिलाडी बना.
युवराज सिंह ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट, 304 वनडे ओर 58 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. उन्होंने टेस्ट मैचों में 1900 और वनडे में 8701 रन बनाये. उन्हें वनडे में सबसे अधिक सफलता मिली. टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम पर 1177 रन दर्ज हैं
कैंसर को चैंपियन की तरह हराया वर्ल्ड कप के दौरान ही युवी की तबीयत बिगड़ने लगी थी. लेकिन उन्होंने किसी को इसका अहसास नहीं होने दिया. फिर साल 2011 में ही खबर आ गई थी कि युवी को कैंसर है. यह खबर उनके फैंस के साथ-साथ युवी के लिए भी चौंकानेवाली थी. फिर भी परिवार और खास दोस्तों की वजह से युवराज ने कैंसर को हराया और बाकी लोगों को इसकी प्रेरणा दी. युवराज बताते हैं कि उस वक्तमें सबसे ज्यादा मेहनत उनकी मां ने की और खुद कभी कमजोर न पड़ते हुए उन्हें नई जिंदगी दिलाई.
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युवराज सिंह का व्यकितगत जीवन
युवराज सिंह क्रिकेट के आलावा अपने व्यकितगत जीवन में भी काफी पोपुलर है. उन्होंने पंजाबी फिल्मो में एक्टिंग भी की है. इसके आलावा बचपन में टेनिस और रोलर स्केटिंग युवराज के पसंदीदा खेल थे और युवराज दोनों भी खेल अच्छा ही खेलते थे. युवराज ने अन्तराष्ट्रीय अंडर 14 रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीती है. लेकिन उनके पिता ने उनके सारे मेंडल्स फेक दिए थे और कहा था की वे सिर्फ क्रिकेट पर ही ध्यान दे.
युवराज ने बाल कलाकार के रूप में छोटे रोल भी किये, मेहँदी सांगा दी और पुट सरदार में उन्होंने छोटे किरदार निभाये है. युवराज ने 12 नवंबर 2015को भारतीय मूल की ब्रिटिश मॉडलऔर अभिनेत्री हेज़ल कीच से सगाई की थी और सन 30 नवंबर 2016 कोसे शादी की थी.
युवराज सिंह का रिटायरमेंट और यादगार लम्हे
जेसे की हम को पता है की युवराज सिंह ने सोमवार को अपने क्रिकेट करियर को अलवीदा कह दिया हे लेकिन वो उन्होंने जो भारत के लिए किया हे वो सायद ही कोई और कर पायेगा और वो एक सानदार रिटायरमेंट के हक़दार भी थे. अपने रिटायरमेंट के दोरान युवराज ने बताया की उनके क्रिकेट करियर में सन 2002 की नेटवेस्ट ट्रोफी की फाइनल, सन 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप के 6 गेंद में 6 छग्गे, वर्ल्ड कप 2011 और सन 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ 150रन की पारी को याद गार लम्होमे से एक है.
युवराज सिंह के बारे में महत्वपूर्ण रोचक तथ्य
1)युवराज सिंह बचपन में रोलर स्केटिंग और टेनिस में बहुत ही अच्छे थे, इन्होंने रोलर स्केटिंग में नेशनल U–11 चैंपियनशिप भी जीती.
2)युवराज के पिता योगराज सिंह भी पूर्वभारतीय क्रिकेटर रह चुके है.
3)युवराज सिंह बचपन से ही दूसरेखेलों के शौकीन थे, लेकिन इनके पिता उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होनें नवजोत सिंह सिन्धु को युवराज के कोच के रूप में चुना और बाद में योगराज सिंहने कोच के रूप में इन्हें क्रिकेट में आगे बढ़ाया.
4)साल 1999 में U-19 कूच बिहार ट्राफी में युवराज ने बिहार के खिलाफ मैच खेल कर 3 शतक लगाकर 404 गेंदों में 358 रन बनाये थे.
5)बालावस्था में ही उनके माता-पिता का तलाक़ हो गया था और युवराज अपनी माँ के साथ रहने लगे थे.
6)सबसे पहले अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच में युवराज को 21 लाख रूपये का चेक मिला जिसे उन्होंने अपनी माँ को घर खरीदने के लिए दिया था.
7)युवराज सिंह के नाम टी-20 क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड है.
8)पूर्व भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के बाद, युवराज ही एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्हें इंग्लिश काउंटी टीम यॉर्कशायर द्वारा साइन किया गया था.
9)युवराज सिंह आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट जितने वाला दूसरा भारतीय खिलाडी था.वर्ल्ड कप 2011में युवराज सिंह ने कुल 362 रन बनाए थे और साथ ही 15 विकेट ली थी.
10)सन 2011 के वर्ल्डकप में इन्हें पता चला कि इन्हें लंग कैंसर है, किन्तु वे कमजोर नहीं पड़े और कीमोथेरेपी के जरिये वे ठीक हो कर उन्होने जल्दी ही मैदान में फिर से वापसी की थी.
11)युवराज ने कैंसर से पीढित रोगियों के लिए यूवीकेन फ़ाउंडेशन की भी स्थापना की है.
12)सन 2013 में युवराज ने अपनी ऑटोबायोग्राफी “द टेस्ट ऑफ़ माय लाइफ: क्रिकेट से लेकर कैंसर तक और उससे वापस” रिलीज़ की थी.
13)साल 2012 में युवराज सिंह को खेल के क्षेत्र में शानदार योगदान देने के लिए अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था.
14)साल 2014 में युवराज सिंह को पद्मा श्री के गौरव से नवाजा गया था.
15)युवराज को साल 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम ने 16 करोड़ की भारी कीमत चुकाकर खरीदा था.
16)युवराज सिंह सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते है.
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