Biography of Sudha Chandran in Hindi | सुधा चन्द्रन की सफलता की कहानी

Inspiration Story of Sudha Chandran in Hindi | सुधा चन्द्रन का जीवन परिचय

हमारी दुनिया में कई सारे एसे Successful लोग है जो अपने जीवन में कई बार Fail हो चुके है उसके बावजूद भी अपनी मेहनत और लगन की वजह से दुनिया के सामने एक सितारा बन का उभरे है. इन successful लोगो में कई सारे एसे लोग भी मौजूद है जो बेहद ही गरीब Family से Belong करते थे तो कोई एसे भी है जिनके पास रहने के लिए ना घर था और नाही खाने के लिए अनाज तो कोई लोग एसे भी है जिसका शरीर उनका साथ देने के लिए तैयार नहीं था यानी की Disabled था.

आज के इस आर्टिकल में हम एक एसे ही चरित्र के बारे में बात करने वाले है जो जन्म के वक्त तो शारीरिक रूप से फीट थी लेकिन कुछ साल बाद विकलांग हो गई फिर भी अपनी मेहनत और Never Give Up attitude की वजह से सफलता की टोच पर पहुंची और भारतीय सिनेमा में एक मशहूर भरतनाट्यम अभिनेत्री बनकर सबके सामने आ गई, उनका नाम है Sudha Chandran in Hindi.

Biography of Sudha Chandran in Hindi | Inspiration Story of Sudha Chandran in Hindi

1. सुधा का जन्म 27 सितम्बर 1965 में मुंबई में रहने वाले एक तमिल कुटुंब में हुआ था.

2. मात्र 3 साल की उम्र से ही सुधा को dance में बहोत ही रूचि होने लगे थी.

3. Sudha Chandran in Hindi एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री हे जिन्होंने भरतनाट्यम में महारत हासिल की हे. वो जब तीन साल की थी तभी से उनको डांस में दिलचस्पी थी और तभी से वो भरतनाट्यम की Practice कर रही थी लेकिन एक दिन जब वो बस में से आर रही थी तब उनकी बस का Accident हो गया और इस में उनका एक पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया तब वो सिर्फ  सोला साल की थी.

4. उस हादसे में सुधा का पैर इतना जख्मी हो गया था की पैर इसका इन्फेक्शन पुरे शरीर में फ़ैल सकता था उसी वजह से डॉक्टर ने उनके पैरो को काटने की सलाह दी और पैर काटा गया और उस जगह पर कृत्रिम पैर लगाया गया.

5. जैसा की हम जानते है की dance करने के लिए पैरो का कितना महत्व होता है पर यहाँ तो सुधा के पास कृत्रिम पैर था अब उनके लिए डांस करना बेहद मुश्किल था फिर भी उन्होंने हिमंत नहीं हारी और लगातार 2-3 साल तक Practice करती रही और कृत्रिम पैरों के साथ ही उनहोंने भरतनाट्यम में महारत हासिल करली और भारत की सबसे बड़ी भरतनाट्यम अभिनेत्री में नाम शामिल करवा लिया.

6. उनके यह जुनून को देखकर उनके जीवन पर सन 1982 में एक फिल्म बनाई गई जिनका नाम था “मयूरी”. इस फिल्म में अपना रोल सुधा ने खुद किया था और यह फिल्म तेलुगू भाषा में बनाई गई थी इसके बाद सन 1986 में “नाचे मयूरी” नाम से यह फिल हिंदी में बनाई गई जिसमे भी सुधा ने ही अपना किरदार खुद निभाया था.

7. Sudha Chandran in Hindi पढ़ाई में भी अच्छी थी और 10th के exam में प्रथम स्थान भी हासिल किया था फिर भी उन्होंने विज्ञान का विषय न लेकर arts में आगे बढ़ने का निर्णय लिया क्यूंकि वो ज्यादा से ज्यादा समय dance को देना चाहती थी.

8. उनके परिवार के मूल निवासी वयलुर के तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु के है लेकिन बाद में उनके दादाजी केरल में जाकर बस गए थे.


9. उनकी फिल्म नाचे मयूरी से प्रभावित होकर उनको सन 1986 में National Film Award से सम्मानित किया गया था.


10. सुधा ने अब तक फिल्म 50 से भी ज्यादा फिल्मों में और कई सारे TV Programme में  अभिनय किया है.


11. उनको सन 2004 में कहानी किसी रोज़ सिरिअल के लिए star Parivar avard से सम्मानित किया गया था.

12. इसके बाद सन 2005 में “Best Television Academy Award” से भी सम्मानित किया गया था.

13. इसके अलावा उनको बहोत सारे अलग-अलग Awards से सम्मानित किया गया था.

14. सुधा चन्द्रन के Husband का नाम रवि दाग है जो एक फिल्म producer है.


15. जब सुधा का पैर चला गया था तब एक वक्त तो एसा आया था की सुधा ठीक से चल भी नहीं पा रही थी, वो पूरी तरह से हताश हो गई थी, उनको लगा की अब वो जिन्दगी में कभी भी dance नहीं कर पाएगी, उन्होंने तय किया की वो अपना लक्ष्य किसी भी सूरत में हासिल करेगी. 


16. सुधा ने अब रात दिन अभ्यास करना शुरू किया, जब भी वो dance करने की Practice करती थी तब उनके पैरो से खून निकलना शुरू हो जाता था फिर भी उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया और जो अपने पैरो पर खड़ी नहीं रहे सकती थी वो ही सुधा ने फिर से dance में महारत हासिल कर लिए लेकिन अब अपना यह टैलेंट पूरी दुनिया को बताने का समय आ गया था. उनको बस एक मौके की तलास थी.


17. आखिरकार वो दिन भी आ गया. उनको सेंट जेवियर्स कॉलेज में Performance देने के लिए बुलाया गया था. उस दिन अख़बार में भी हेड लाइन थी “Looses a Foot, Walks a Mile” उनका पूरा शो खचाखच भरा हुआ था. वो बहोत ही नर्वस हो रही थी क्यूंकि उनके पास यह पहला अवसर था जिसको वो गँवाना नहीं चाहती थी. 

18. उन्होंने अपने Performance से पूरी भीड़ को अपना फेन बना दिया. उस दिन उनके लिए कई समय तक तालियां गूंजती रही. पुरे देश में उनके बारे में चर्चा होने लगी. घर जाने के बाद उनके पिताजी ने सुधा के पाँव छुए और कहा की वो माता सरस्वती के चरणों को वंदन कर रहे है.

उनकी बेटी ने Impossible को Possible करके दिखाया था. वो रातों-रात स्टार बन चुकी थी. इसके बाद भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनको 33 वे राष्ट्रिय फिल्म समारोह में सिल्वर लोटस अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया. पुरे देश को उन पर गर्व हो रहा था. 

दोस्तों, Biography of Sudha Chandran in Hindi आर्टिकल आपको कैसा लगा हमको जरुर बताना. सुधा चन्द्रन का जीवन हम सभी को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. एक विकलांग लड़की होने के बावजूद भी उन्होंने भरतनाट्यम जैसे बेहद ही मुश्किल dance में महारत हासिल की तो हम भी जो चाहे वो कर सकते है बस हमको अपने आप को पहचानना होगा और पूरी लगन से उस काम को करना होगा.


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