Astronomers Detect Earth Like Planet | विज्ञानिको ने खोजी एक और पृथ्वी – जानिए कितनी है जीवन की संभावनाए ?

Astronomers Detect Earth Like Planet | नासा के वैज्ञानिको ने खोजा पृथ्वी जैसा ग्रह, पानी होने का दावा

Astronomers Detect Earth Like Planet | विज्ञानिको ने खोजी एक और पृथ्वी - जानिए कितनी है जीवन की संभावनाए ?

दोस्त, जैसा की हम जानते ही है की पिछले 200 सालो से वैज्ञानिक लगातार ब्रह्मांड के दुसरे ग्रहों पर जीवन होने का सबुत तलास कर रहे है. कभी मंगल ग्रह पर तो कभी हमारे उपग्रह चाँद पर जीवन होने का दावा किया जा रहा था और अभी भी उन दोनों पिंड मे जीवन के साबुत खोजे जा रहे है.

हाल ही में नासा के वैज्ञानिको ने एक और ग्रह खोज निकाला है जहा पर जीवन होने की संभावना हो सकती है एसा बताया जा रहा है. दरसल नासा के वैज्ञानिको ने हमारे सूर्यमंडल के बहार पृथ्वी से 110 प्रकाशवर्ष की दुरी पर मोजूद एक ग्रह पर पानी होने का साबुत पेस किया है जिनकी बदोलत वो सोच रहे है की सायद यहाँ पानी है तो जीवन भी जरुर होगा.

चलिए जानते है इस आर्टिकल में की यह कोनसा ग्रह है जो नासा के वैज्ञानिको ने खोजा और वैज्ञानिक इस ग्रह के बारे में क्या-क्या दावा कर रहे है.

  1. सौरमंडल के ग्रहों
  2. इस ग्रह का नाम क्या है?
  3. K2-18b(Super Earth) ग्रह कहा पर मोजूद है?
  4. क्यों लग रहा है की यहाँ पर जीवन हो सकता है?
  5. क्या इस ग्रह पर इन्सान जीवित रहे सकते है?

चलिए अब जानते है विस्तार से ऊपर दिए गए सभी मुद्दों के बारे में ताकि सारी बाते आपको पता चल जाए.

सौरमंडल के ग्रहों
हमारे सौरमंडल में बहोत सारे ग्रह और तारे मोजूद है इनमे से कई सारे ग्रह एसे भी है जहा जीवन की कोई भी संभावनाए नहीं है पर कुछ ग्रह एसे भी है जहा पर वैज्ञानिको को जीवन की उम्मीद है. रीसर्च से एक बात तो सामने आई है की सौरमंडल में हमारी पृथ्वी से कई विशाल ग्रह भी मोजूद है और उनमे से कई सारे ग्रह एसे भी है जहा पर पानी होने का साबुत भी प्राप्त हुआ है. इसी लिए वैज्ञानिको का मानना है की पानी है तो जीवन भी होगा.

लंबे समय के बाद वैज्ञानिको के हाथ कुछ एसा लगा है की जिससे वो दुसरे ग्रह पर जीवन होने की संभावनाओ को जाता सकते है. पहेली बार वैज्ञानिको को अपने सौरमंडल के बहार एक एसे ग्रह की तलास हुई है जहा पर पानी का बाष्प स्त्रोत मोजूद है जिसकी वजह से वहा पर जीवन मोजूद हो सकता है.

इस ग्रह का नाम क्या है?
नासा के वैज्ञानिको ने हबल स्पसे टेलिस्कोप के जरिए इस ग्रह को Find किया है जिसका नाम उन्होंने ने K2 – 18b या Super Earth दिया है.

K2-18b(Super Earth) ग्रह कहा पर मोजूद है?
नासा के वैज्ञानिको ने इस ग्रह के बारे में आगे बताया की यह ग्रह हमारे सौरमंडल का नहीं है लेकिन हमारे सौरमंडल से बहोत दूर भी नहीं है. यह ग्रह हमारे सौरमंडल में मोजूद पृथ्वी से करीब 110 प्रकाशवर्ष की दुरी पर है.

क्यों लग रहा है की यहाँ पर जीवन हो सकता है?
अगर वैज्ञानिको की माने तो K2-18b ग्रह हमारी पृथ्वी से काफी मिलता जुलता है पर यह हमारी पृथ्वी से करीब 8 से 10 गुना ज्यादा भारी होने का अनुमान लगाया गया है. खास बात तो यह है की जैसे पृथ्वी सूरज के चक्कर लगाती है ठीक वैसे ही K2-18b ग्रह हमारे सूरज जैसे ही एक ड्वार्फ स्टार का चक्कर लगाता है.

इसके आलावा सौरमंडल में मोजूद ज्यादातर ग्रह गैस जायंट होते है जहा पर जीवन की संभावनाए नामुमकिन है तो वही जो चट्टानों से बने होते है वहा पर ज्यादातर ग्रह का वातावरण अनुकूल नहीं होता है, अगर कुछ ग्रह पृथ्वी जैसा मिल भी जाता है तो उनके तारे से दुरी इतनी होती है या तो पानी बर्फ के रूप में या बाष्प के रूप में पाया जाता है.

लेकिन K2-18b का वातावरण भी पृथ्वी के वातावरण से काफी मिलता जुलता है. इस ग्रह के पास जीवन जीने लायक काफी स्थितिया मोजूद है. यह ग्रह अपने तारे से न तो बहोत दूर है न तो बुध ग्रह(Mercury Planet) की तरह काफी नजदीक. नैचुरल एस्ट्रोनोमी नाम जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार इस ग्रह पर पानी हो सकता है.

इसके आलावा एक और बात भी इस ग्रह पर जीवन होने का दावा करती है की अब तक खोजे गए 4000 ग्रहों में से यही एक मात्र एसा ग्रह है जिसकी सतह पृथ्वी की तरह ठोस है और इसके वायुमंडल में भी पानी होने का दावा किया जा रहा है. वैज्ञानिको का मानना है की इस ग्रह पर समुद्र भी हो सकता है लेकिन अभी यह बात दावे से नहीं कहे सकते क्यूंकि अभी भी इस ग्रह पर छान-भिन जारी है लेकिन अनुमान है की यहाँ पर समुद्र भी हो सकता है.

क्या इस ग्रह पर इन्सान जीवित रहे सकते है?
भले ही वैज्ञानिको को K2-18b ग्रह मिल गया हो जो पृथ्वी के साथ काफी मिलता जुलता है और मान लीजिए की वैज्ञानिक यह बात पता लगाने में सफल भी हो गए की इस ग्रह पर पानी का स्त्रोत है और जिवन संभव हो सकता है फिर भी इस ग्रह पर इन्सान जीवित नही रह सकते है.

वैज्ञानिक जियोवाना टीनेटी के मुताबिक इस ग्रह पर इन्सानों का जीवित रहेना संभव ही नहीं है. सूर्य से हमारी पृथ्वी पर प्रकाश आने में 8 मिनिट लगती है इस प्रकार से इस ग्रह पर सूर्य का प्रकाश आने में करीब 100 साल लग जाएँगे क्यूंकि यह ग्रह सूर्य से करोडो मिल की दुरी पर है.

जियोवाना टीनेटी ने आगे कहा की K2-18b ग्रह पर बहोत ही ज्यादा मात्रा में रेडिएशन मोजूद है जो किसी भी जिव को जीवित रहेने ही नहीं देगा इसी लिए फ़िलहाल हमारे पास पृथ्वी के आलावा और कोई विकल्प नहीं है इसी लिए हम को हमारी पृथ्वी को ही सुंदर बनाना चाहिए. क्यूंकि इन्सानों ने पिछले 200 सालो में पृथ्वी को बहोत सारी हानी पहोचाई है जिनमे हम ने बहोत सारे पेड़ो को काट दिया है, जंगल का विनाश कर दिया है. प्रदुसन को बढ़ा दिया है. इन्सानों के अत्याचारों के लिए यह पढ़े, (इन्सानों द्वरा आई भयंकर प्राकुतिक आपदाए)

अगर यह सिल सिला युह्नी चलता रहा तो दुसरे ग्रह की तो छोडो हमारे ग्रह पर भी हम जीवित नहीं रहे पाएगे और कुछ ही सालो में पूरी पृथ्वी से मानव सहित सभी जीवो का खात्मा हो जाएगा और इस आफत के जिम्मेदार भी हम इन्सान ही होगे.

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